कही दुखों का पहाड़ तो कही खुशियों का खजाना है |
चाहें आए राह में कितनी भी कठिनाईयाँ ,
आए भले ही हिमालय सी परेशानियाँ,
एवरेस्ट को चीर कर खुद को राह बताना है,
ज़िन्दगी की राह में आगे बढ़ते जाना है |
जैसे भँवरा होता कली के लिए दीवाना है,
जैसे पतंगा होता रोशनी के लिए परवाना है,
वैसे ही आज फिर तुझे अपनी बात का लोहा मनवाना है,
ज़िन्दगी की राह में आगे बढ़ते जाना है |
आज है फिर इम्तिहान की घड़ी,
जोड़ दे सफलता की एक और कड़ी,
विफलता को अपने इरादों से दूर भगाना है,
ज़िन्दगी की राह में आगे बढ़ते जाना है |
मेरी यह पोस्ट मेरे उन सभी दोस्तों के लिए है, जो साक्षात्कार के लिए आवेदन कर रहे हैं |
ReplyDeleteGood one !!!
ReplyDeletekahan se churai hai ????
Churai nahi hai....khud ki hai...
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